तुमने छोड़ा था घर को इस देश के लिए,
हमने भी छोड़ा घर को पर किसी और देश के लिए.
तुमने खाई थी लाठी बर्फ पर लेट कर,
हमने बनाया जाम वैसी ही बर्फ से.
तुमने फोड़ा था बम अंग्रेजो को जगाने के लिए,
हमने भी फोड़े बम स्कूलों को हिलाने के लिए.
तुम्हे लगता था इस देश जैसा और कोई देश नहीं होगा,
हमें लगता हैं इस देश का कुछ नहीं होगा,
हम मैं से कई हैं जो अबभी मानते हैं, इस देश के बिना और देशोंका कुछ नहीं होगा।
तुमने आज़ादी देकर बड़ा उपकार किया हम पर,
हमभी करेंगे कोशिश पूरी ऋण लौटाने का उम्र भर,
हमें नाज़ हैं भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और हमारे शहीदों तुम पर!
तुमने = भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और सभी शहीदों के लिए
हमने = आज की युवा पीढ़ी के लिए